12 रबीउल अव्वल की मुबारकबाद और ख्वाजा गरीब नवाज़ (र.अ.) की रूहानी विरासत.
अस्सलामु अलैकुम! 12 रबीउल अव्वल के इस मुबारक मौके पर, जो हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद ﷺ की पैदाइश का पवित्र महीना है, मैं दिल से आपको और आपके परिवार को ढेर सारी दुआएं, मोहब्बत और अल्लाह की रहमत की शुभकामनाएं देता हूँ। यह मुबारक वक्त हमें रसूलुल्लाह ﷺ की रहमत और हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ (र.अ.) की रूहानी रोशनी के और करीब लाए।
ख्वाजा गरीब नवाज़ (र.अ.) की रूहानी शख्सियत
हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (र.अ.), जिन्हें मोहब्बत से ख्वाजा गरीब नवाज़ कहा जाता है, हिंदुस्तान में इस्लाम, अमन और भाईचारे का पैगाम फैलाने वाले महान सूफी संत थे। उन्होंने अपनी अद्भुत विनम्रता, रहमत और सेवा भाव से करोड़ों लोगों के दिल जीत लिए — चाहे उनका धर्म, जाति या भाषा कोई भी हो।
हमारा खिदमत का सफर
एक खिदमतगुज़ार (क़ादिम) होने के नाते, मुझे यह सौभाग्य है कि मैं हज़रत ख्वाजा फखरुद्दीन गुर्देज़ी (र.अ.) के पवित्र खानदान से ताल्लुक रखता हूँ, जो ख्वाजा बाबा के करीबी साथी और रिश्तेदार थे। पिछले 850 सालों से हमारा खानदान अजमेर शरीफ की मुबारक दरगाह की सेवा में है, और इस रूहानी अमानत को मोहब्बत व इमानदारी से निभा रहा है।
दरगाह शरीफ के मुबारक प्रोग्राम
- 12 रबीउल अव्वल की महफ़िल - मिलाद शरीफ, फ़ातिहा और नियाज़ के साथ नबी ﷺ की पैदाइश का जश्न।
- माहाना फ़ातिहा की महफ़िलें - हर महीने होने वाली दुआओं और बरकत की महफ़िल।
- रोज़ाना लंगर - सभी के लिए मुफ्त और मुबारक खाना, मोहब्बत और भाईचारे की मिसाल।
- इस मुबारक महीने के ख़ास अमल - ख़त्म-ए-कुरआन पाक, ख़त्म-ए-यूनुस और ख़त्म-ए-ख्वाजगान जैसी रूहानी महफ़िलें, अल्लाह की रहमत पाने के लिए।
दावत
आपको इन रूहानी प्रोग्रामों में शामिल होने की दिली दावत दी जाती है। आइए और इस मुबारक मौके की बरकतों को हासिल करें।
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